एनसीटीई का नियम पहले से है कि बीएड डिग्री वालों को बेसिक शिक्षक बनाया जाता है तो पहले छह माह का ब्रिज कोर्स करवाया जाएगा। उसके बाद ही स्कूलों में तैनाती दी जाएगी। विभाग ने यहां नियमों को दरकिनार कर बिना ब्रिज कोर्स करवाए ही तैनाती दे दी।

तब तो शिक्षकों को भी लगा कि उनको सीधे नौकरी मिल गई और उनकी ओर से भी कोई मांग नहीं उठी। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद उनको ये डर सता रहा है कि कहीं कोई आपत्ति न उठा दे। वहीं मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर की गई मांग पर बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने अब हाई कोर्ट का हवाला दे दिया है।
सचिव ने लिखा है कि 69,000 शिक्षक भर्ती की मेरिट को लेकर ही हाई कोर्ट में केस चल रहा है। अगर मेरिट बदलती है तो उसमें भी वर्तमान के कई शिक्षकों की मेरिट बदलेगी। वर्तमान के कुछ शिक्षक बाहर हो सकते हैं और नए आ सकते हैं।